सनातन पूजा विधि

कैसे बैठना चाहिए पूजा करने के लिए?

  • पूजा करते समय आप पूर्व दिशा  चेहरा करके बैठें।
  • यदि आप स्वस्थ्य है तो पद्मासन में बैठे।
  • पूजा करते समय आसन पर बैठें।  पूजा का आसान कुशा का हो तोअच्छा होता है। जितना सम्भव हो प्लास्टिक का इस्तेमाल पूजा कार्यों में ना करें।

कैसे कपडे (वस्त्र) पहनने चाहिए पूजा करने के लिए? 

  • पूजा के लिए साफ़ पीताम्बर (पीले रंग के कपडे) पहने
  • पूजा के लिए साफ़ रेशमी, सूती या ऊनी वस्त्र पहने 
  • एक वस्त्र पहन कर न बैठें – लुंगी आदि में पूजा न करें, धोती के साथ लंगोट ज़रूर पहने 
  • केवल ऊनी वस्त्र पूजन के लिए शुद्ध माने जाते है
  • सूती वस्त्र एक बार पहने जाने के बाद अशुद्ध माने जाते है
  • रेशमी वस्त्र खाना खाने के बाद अशुद्ध माने जाते है

कैसे  आसन पर बैठ कर पूजा करनी चाहिए? 

हिन्दू पूजा और कर्मकांडों में आसन का बहुत महत्व है।  कभी भी ज़मीन पर बैठ कर पूजा और मंत्र साधना नहीं करनी चाहिए। इस प्रकार से की गयी पूजा का संपूर्ण लाभ नहीं मिलता। पूजा के समय आसान को खोलें और फिर आसन बिछाते समय इस मंत्र का पाठ करें: ॐ कमलासनाय नमः।  ॐ सिद्धासनाय नमः। 

  • लाल या पीला ऊन का आसान 
  • कुशा का आसन
  • ये सेक्रेडइंड की आप सभी पाठको से अपील  है: प्लास्टिक का उपयोग अपनी पूजा में कम से काम करें। अतः प्लास्टिक के आसन पर बैठ कर पूजा न करें। 

आसन सम्बन्धी नियम – 

  • ज़मीन पर बैठ कर पूजा न करें 
  • बांस का आसन पूजा के लिए न इस्तेमाल करें
  • लकड़ी के आसान का उपयोग भी पूजा के लिए न करें

वैदिक काल में पशुओं के चर्म के इस्तेमाल के भी उदाहरण मिलते है। आज के समय में जब प्राकृतिक संतुलन और वातावरण पूरी तरह से बदल गया है इनका इस्तेमाल करने की भी आवश्यकता ख़त्म हो गयी है।  अतः ऊन एवम कुशा के आसान का प्रयोग सर्वथा उचित है। 

कुशा के आसन का प्रयोग मंत्र सिद्धि के लिए की जा रही उपासना में सर्वोचित है।  परन्तु श्राद्ध में कुशा के आसान का उपयोग न करें।